O miłości do ksiąg to jest Philobiblon traktat łaciński Ryszarda De Bury
Spolszczył Jan Kasprowicz
Zakład Ossolińskich Lwów 1921 r. , twarde okł. , 112 str. ( niektóre nierozcięte ) , format 21 X 15 cm.
Egzemplarz numerowany , 194 z tysiąca.O miłości do ksiąg to jest Philobiblon traktat łaciński Ryszarda De Bury
Spolszczył Jan Kasprowicz
Zakład Ossolińskich Lwów 1921 r. , twarde okł. , 112 str. ( niektóre nierozcięte ) , format 21 X 15 cm.
Egzemplarz numerowany , 194 z tysiąca.क्या आप बोली लगाना चाहते हैं? लॉग इन करें और नीलामी की सदस्यता लें।
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